स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः

सनातनधर्म की सेवा में सतत निरत, पू पीठद्वयाधीश्वर ज. शं. स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज के शिष्य प्रतिनिधि एवं प्रवर धर्माधीश परमधर्मसंसद् 1008

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